Wednesday 15 May 2024

डा बाबासाहेब आम्बेडकर अस्पताल में उच्च रक्तचाप की जागरूकता रैली एवं सेमीनार

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (वर्ल्ड हाईपर्टेंशन दिवस) 17 मई को पड़ता है ...इसी सिलसिले में आज मध्य रेल के मुख्य चिकित्सालय, भारतरत्न डा बाबासाहेब आम्बेडकर मेमोरियल चिकित्सालय भायखला में उच्च रक्तचाप की जागरुकता से एक रैली निकाली गई और मरीज़ों और अभिभावकों के लिए एक सेमीनार का भी आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ चिकित्सकों ने इस बीमारी से जुड़े तथ्य सब के साथ साझा किए। 

यहां यह बताना ज़रूरी है कि भायखला अस्पताल में दैनिक ओपीडी में रोज़ाना एक हज़ार से ज़्यादा मरीज़ अपने इलाज के लिए आते हैं। इसलिए इस रैली में जिस में ग्लेनमार्क कंपनी की टीम ने भी भाग लिया विभिन्न ओपीडी के बाहर इंतज़ार कर रहे मरीज़ों को इस बीमारी के बारे में संक्षेप से सूचित किया गया और उन्हें यह मशविरा दिया गया कि आज के दिन वे सभी अपना बी.पी (ब्लड-प्रेशर- रक्तचाप) नपवा कर जाएं। इस के लिए दो तीन ओपीडी के बाहर ब्लड प्रैशर मशीन से बी.पी नपवाने की भी व्यवस्था की गई। 



मेन ओपीडी़ एरिया के खुले बरामदे में सेमीनार के आयोजन के दौरान यह एरिया पूरी तरह से मरीज़ों एवं अभिभावकों से भरा हुआ था और सब ने बहुत ही तन्मयता से सभी चिकित्सकों की बातें सुनीं। 

डा विश्वनाथ जो कि एक फ़िज़िशियन हैं और मंडल चिकित्सा अधिकारी हैं, उन्होंने सब से पहले इस बीमारी के बारे में एक ऑडियो-विज़ूएल प्रस्तुति के माध्यम से उच्च रक्तचाप के कारणों, लक्षणों और उपचार के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह से अनियंत्रित उच्च रक्तचाप, जिस का अगर समय रहते समुचित उपचार न किया जाए, किसी भी व्यक्ति के विभिन्न अंगों की कार्य-प्रणाली पर बहुत बुरा असर डालता है.....किसी की मस्तिष्क-स्राव (ब्रेन हेमरेज) हो सकता है, अपघात हो सकता है (लकवा ग्रस्त हो सकता है), हृदय रोग हो सकता है, फेफड़ों में खराबी उत्पन्न हो सकती है और यहां तक की हमारे गुर्दे भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। उन्होंने खाने पीने के बारे में बताया कि फॉस्ट फूड से बच कर रहना चाहिए जिस में नामक, तेल ठूंसा होता है, और धूम्रपान और दारू न पीने की भी सलाह दी। 

डा कपिल शरदे जो कि वरिष्ठ फ़िज़िशियन हैं, उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि इस बीमारी के कुछ कारण हैं जिन के बारे में आप कुछ कर सकते हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो कि किसी के नियंत्रण में नहीं हैं। बढ़ती उम्र के साथ अकसर रक्तचाप बढ़ता ही है, उसी तरह से अगर किसी के परिवार में इस बीमारी की हिस्ट्री है तो उसे भी उच्च रक्त चाप होने का अंदेशा बना रहता है। लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जिन के बारे में हम लोग कुछ कर सकते हैं ...अपने खानपान को ठीक रखना, नींद पूरी लेना, अपनी उम्र एवं अवस्था के अनुसार शारीरिक श्रम करते रहना, एक ही जगह पर घंटों बैठे नहीं रहना....कुछ वक्त के बाद थोड़ा टहलते रहना..............और हां, एक ज़रूरी बात उन्होंने यह भी बताई कि खाने की मेज़ पर से नमकदानी को हटा दें, न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी.....जो भी दाल, सब्जी तैयार हुई है, उस में ऊपर से नमक न डालें, सलाद में भी नमक नहीं छिड़कें इत्यादि इत्यादि। 

डा दीप्ति जैन जो कि एक वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ हैं उन्होंने संक्षेप में अपनी बात रखते हुए कहा कि एक चम्मच कम कर दें.....क्या? उन्होंने बताया कि रोज़ाना अपने खान-पान से एक चम्मच नमक, एक चम्मच चीनी, एक चम्मच तेल कम कर दें क्योंकि इस तरह की बीमारी से बचे रहने में ही बचाव है ...वैसे उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात यह भी कही कि यह जो बचाव और परहेज तो निःसंदेह बालावस्था से ही शुरू हो जाना चाहिए....बालपन से ही बच्चे को मीठा कम, नमक कम और जंक-फूड न खाने की आदत डालिए....फिर यही आदतें सारी उम्र उस के साथ चलेंगी। 

डा जमुना, जो कि मुख्य स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं, उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान ही माताओं को अपना एवं शिशु का पूरा ख्याल रखना चाहिए....जिन महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप की परेशानी उत्पन्न हो जाती है, उस की समय रहते समुचित जांच एवं उपचार के महत्व को उन्होंने रेखांकित किया ताकि जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित रहें और स्वस्थ रहें। 

डा जमुना ने जीवनशैली की बात करते हुए यह भी समझाया कि हमारे जीवन में खुश रहने का कितना महत्व है, किस तरह से मेडीटेशन (ध्यान), प्राणायाम् एवं योग जैसी हमारी भारतीय पद्धतियां केवल उच्च रक्त चाप जैसी व्याधि में ही नहीं, हमारे समूचे जीवन में भी किस तरह से खुशहाली-हरियाली ले आती है। उन्होंने इस के बारे में सचेत किया कि अगर घर में बी.पी माप रहे हैं तो उस को सही ढंग से मापिए....इसके लिए एक बार डाक्टर से या किसी स्वास्थ्य कर्मी से सीख लीजिए.... और शांति से जीने का हुनर सीखने की सीख भी दी। 

डा विजय पिचड़ जो भायखला अस्पताल में मुख्य विशेषज्ञ हैं उन्होंने सभी उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि आज से 30-40 साल पहले दुनिया संक्रमण रोगों से जूझ रही थी जैसे कि प्लेग, निमोयिना, हैजा, चेचक लेकिन आज जीवनशैली से जुड़ी हमारी लापरवाही की वजह से उच्च रक्तचाप, मधुमेह एवं कैंसर जैसे रोग बढ़ रहे हैं। हम लोग स्थूल काया हो कर एक ही जगह पर टिके रहते हैं, टीवी के सामने बैठे बैठे यह हाल हो गया है कि पहले 30-40 बरस पूर्व टीवी मोटा हुआ करता था और हम स्लिम ....अब टीवी स्लिम से स्लिम आ रहे हैं और हम फैलते जा रहे हैं। उन्होंने भी यही कहा कि समय रहते अगर इन सफेद चीज़ों से बच कर रहेंगे ..जैसे कि नमक, चीनी, सिगरेट, मैदा, मक्खन....तो फिर आप समझें कि आप सफेद कोट पहने हुए डाक्टर से भी बचे रहेंगे। 

चिकित्सा निदेशक, डा सुषमा माटे ने बताया कि कुछ वर्ष पहले एक विश्व रिकार्ड रचा गया था जिस के अंतर्गत 25 केंद्रों में एक दिन में सब से ज़्यादा लोगों का रक्तचाप मापा गया था...और जो गिनिज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड स्थापित हुआ उसमें उन 25 केंद्रों में से एक केंद्र होने का सम्मान हमारे डा बाबासाहेब आम्बेडकर अस्पताल को प्राप्त हुआ है। 

चिकित्सा निदेशक डा माटे ने बताया कि उच्च रक्तचाप की दवाई ले रहा हूं यही पर्याप्त नहीं है, समय समय पर अपने चिकित्सक के परामर्श अनुसार अन्य जांचें भी होती रहनी चाहिए। रक्तचाप का नियमित चेक-अप ज़रूरी है। दूसरा मशविरा उन्होंने दिया कि सारा दिन एक ही जगह बैठे रहना भी सेहत के लिए घातक है....अगर एक दो घंटे एक ही जगह पर बैठे हैं तो कुछ मिनट उठ कर टहल लें, उन्होंने ओपीडी में इंतज़ार कर रहे मरीज़ों को भी बताया कि कईं बार अपनी बारी का इंतज़ार करते करते उन्हें एक घंटा भी लग जाता है, ऐसे में आधे घंटे के बाद उठें और थोड़ा उठ कर टहल कर आ जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि एक ही जगह पर बैठे रहने से जो नुकसान होता है वह उतना ही है जितना सिगरेट पीने से होने वाला नुकसान। 

एक सब से महत्वपूर्ण बात डा माटे ने बताई....वह स्वयं मुख्य फ़िज़िशियन रही हैं, उन्होंने बताया कि हम लोग इतने दिवस मनाते हैं...मातृ दिवस, पिता दिवस .....तो एक काम करिए, अपने माता पिता को एक अच्छा सा बी.पी मापने का यंत्र खरीद कर दीजिए....आज कल बाज़ार में एक से बढ़ कर एक ये ऑटोमैटिक यंत्र मिल जाते हैं....और उन्होंने यह भी कहा कि घर में जैसे हम लोग पहले थर्मामीटर रखा करते थे, उसी तरह आज के दौर की मांग है कि घर में बी.पी मापने की मशीन होनी चाहिए। 

                                                                

डा बाबासाहेब आम्बेडकर अस्पताल में उच्च रक्तचाप की जागरूकता रैली एवं सेमीनार

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस (वर्ल्ड हाईपर्टेंशन दिवस) 17 मई को पड़ता है ...इसी सिलसिले में आज मध्य रेल के मुख्य चिकित्सालय, भारतरत्न डा बाबासाहे...